भिवाड़ी और आसपास के क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक स्थिति तक पहुंच चुका है। भिवाड़ी में अचानक से पुरे शहर पर प्रदूषण के बादलों की घनी चादर छा गई। जिससे दिन में ही अँधेरा महसूस होने लगा।
भिवाड़ी में प्रदूषण का बुरा प्रभाव
प्रदूषण इतना हो गया कि हाईराइज इमारतें इसकी आगोश में समा गई और सड़को पर चल रहे वाहनों को हेडलाइट जलाकर चलना पड़ा। इस प्रदूषण के कारण लोगों के आँखों में जलन होने लगी और साँस लेने में कठिनाई होने लगी, जिसके कारण लोग घरों में कैद हो गए। शहर में बढ़ते प्रदूषण का प्रभाव खासतौर पर दमा के मरीजों पर पड़ रहा है।
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बच्चे और युवा भी फेफड़ों के संक्रमण और खांसी जैसी बीमारियों से पीड़ित हो रहे है। खांसी और जुखाम के लक्षण एक बार होने के बाद 15-20 दिन तक ठीक नहीं हो रहा है।
AQI का स्तर
भिवाड़ी में AQI का स्तर 329 दर्ज किया गया। इस महीने में यह स्तर औसतन 250 से 350 के बीच रहा है। यह स्थिति कुछ महीने में ऐसी ही बनी रही। जिससे प्रदूषण का यह संकट लंबी अवधि तक जारी रहने का संकेत देता है।