भिवाड़ी की महिला पुलिस अधीक्षक एसपी ज्येष्ठा मैत्रेयी की उन्ही के डिपार्टमेंट के लोगों ने जासूसी किया था। एसपी की एक या दो बार नहीं, बल्कि 16 बार लोकेशन ट्रेस की गई। उनके पर्सनल और ऑफिशियल मोबाइल को ट्रेस किया जा रहा था। एसपी के सामने अधिकारी की जासूसी का मामला सामने आते ही हड़कंप मच गया। पिछले कुछ दिनों से लगातार ही पुलिसकर्मियों की लोकेशन ली जा रही थी। हालांकि इसके पीछे की वजह अभी तक साफ नहीं हो पाई है।
दो वारदातों में पुलिसकर्मी शामिल
एसपी इन मामलों पर इंवेस्टिगेट कर रही थी। सिर्फ एसपी ही नहीं इन दोनों केस की जाँच में शामिल थी, बल्कि कई और पुलिस अफसरों की लोकेशन ट्रेस की जा रही थी। जासूसी का मामला सामने आने के बाद भिवाड़ी के साइबर सेल के इंचार्ज समेत वहां लगे सात पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया। एसपी ने इसकी जाँच तिजारा डीएपी को सौंपी। एसपी के मोबाइल ट्रेस करने के तारीख और टाइम की छानबीन की। एसपी का ऑफिशियल और पर्सनल नंबर भी ट्रेस किया जा रहा था। दोनों नंबर 16 बार लोकेशन ट्रेस की गई।
कमलेश ज्वेलर्स लूटपाट में पुलिस शामिल
भिवाड़ी में कमलेश ज्वेलर्स के मालिक जयसिंह की हत्या को कई दिन बीत चुके थे। जल्दी से कार्यवाई जाँच के लिए जयपुर के आईजी ने अपने कार्यालय में तैनात डीएसपी रामकिशन के नेतृत्व में टीमें बनाई। इन टीमों को तिजारा थानाधिकारी हनुमान यादव, टपूकड़ा एसएचओ भगवान सहाय, डीएसटी इंचार्ज प्रकाशसिंह, सब इंस्पेक्टर दारासिंह मीणा और सब इंस्पेक्टर मुकेश कुमार कर रहे थे। ये टीम अलग-अलग जगह पर दबिश देने गई।
इस मामले के एक आरोपी ने दिल्ली सरेंडर किया था, जिसका नाम प्रीत है। डीएसपी इंचर्ज जब प्रकाशसिंह जब प्रीत को पकड़ने दिल्ली के लिए रवाना हुए, तो ठीक उसी समय उनकी लोकेशन लगातार ट्रेस की जा रही थी। इसके टपूकड़ा थानाधिकारी भगवान सहाय और सब इंस्पेकटर सचिन शर्मा दिल्ली के लिए निकले, तो उनकी भी लोकेशन निकाली गई। यह सभी लोकेशन साइबर सेल में इंचार्ज श्रवण जोशी बिना परमिशन के ट्रेस कर रहा था।
अलकायदा मॉड्यूल की जाँच कर रहे एसएचओ की जासूसी
ज्वेलर हत्याकांड से ठीक एक दिन पहले एक दिन दिल्ली से आई एसएचओ की टीम ने भिवाड़ी के चौपानकी में का ट्रेनिंग सेंटर से पकड़ा था और सात संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। इस मामले में जाँच के लिए पहुंचे भिवाड़ी एसएचओ देवेंद्र लोकेशन साइबर सेल से ट्रेस की गई। इन अधिकारियों की अलग-अलग लोकेशन की जानकारी इकठ्ठा की गई। चौंकाने वाली बात यह है कि अलकायदा समर्थित आतंकियों को दिल्ली पुलिस ने जब पकड़ा, तो मामले की जांच कर रहे थानाधिकारी देवेंद्र शर्मा पर भी निगरानी रखी गई।
सात पुलिसकर्मी हो चुके सस्पेंड
साइबर सेल के इंचार्ज श्रवण जोशी का बिना परमिशन पुलिस अधिकारियों को ट्रेस करना क्राइम है। इसके जरिए बदमाशों की मदद की जा रही थी। किसी अन्य पुलिकर्मी के कहने पर गैर क़ानूनी तरीके से एसपी और अन्य पुलिस अधिकारियों की लोकेशन ट्रेस कराई गई थी। भिवाड़ी साइबर सेल के इंचार्ज एसआई श्रवण जोशी, हेड कॉन्स्टेबल अवनेश कुमार, कॉन्स्टेबल राहुल, सतीश, दीपक, भीम और रोहतास को सस्पेंड करते हुए मामले की जांच डीएसपी को सौंपी गई थी।