भिवाड़ी न्यूज़: खुशखेड़ा के सलारपुर औधोगिक क्षेत्र के किसानो ने अपनी मांग को लेकर 3 July 2024 सेअनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया था। किसानो ने सलारपुर में रीको काम को नहीं होने दिया। दोपहर करीब 3 बजे किसान टेंट लगाकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए।
किसानो की मांग है, जब तक किसानो के हक़ की 25 फीसदी डेवलप की हुई जमीन नहीं दी जाती, जब तक अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा। किसान रीको द्वारा अधिग्रहण की गई किसान जमीन के बदले 25 फीसदी डेवलपमेंट जमीन की मांग कर रहे है। लेकिन लम्बे समय से किसान अपने हक़ की मांग कर रहे है, लेकिन रीको किसानो को उनके हक़ की 25 फीसदी जमीन डेवलपमेंट नहीं कर पा रहे है।
किसानो ने जमीन के लिए विरोध प्रदर्शन
किसानो ने इस मामले को लेकर कई बार भिवाड़ी “रीको यूनिट सेकंड ऑफिस” पर भी अपना विरोध प्रदर्शन किया। लेकिन हर बार रीको के अधिकारी ने किसानो को जमीन दिलवाने का झूठा दिलाशा देकर भेज देते है। किसानो ने औधोगिक क्षेत्र को डेवलप करने के लिए चलाई जा रही जेसीबी मशीन और अन्य साधनो को बंद करा दिया था।
किसान जो विरोध प्रदर्शन कर रहे है, उनके पूर्व सरपंच मंतूराम यादव ने बताया कि रीको ने करीब 12 साल पहले किसानो के जमीन पर नए औधोगिक क्षेत्र में विकसित करने के लिए अधिग्रहण किया था। इसमें कुल 182 परिवारों को रीको के द्वारा 25 फीसदी जमीन डेवलप दी जानी थी। लेकिन 12 साल बीत जाने के बाद रीको किसानो को उनके हक़ की जमीन नहीं दे पाए। जबकि रीको में नए औधोगिक क्षेत्र में करीब एक दर्जन से ज्यादा उधोग इकाइयों चालू हो चुकी है।
किसान यूनियन संगठनों का समर्थन
रविवार को कई किसान यूनियर संगठनों का समर्थन भी सलारपुर के किसानो को मिलने लगा था। रविवार को मरुधरा किसान यूनियर के राजस्थान प्रदेश के अध्यक्ष दीपक बलिदान भी किसानो के बीच धरना पर पहुंचे और किसानो का समर्थन दिया। इसके साथ अगले दिन मरुधरा किसान यूनियर के पदाधिकारी और सदस्यों को भी धरने में शामिल होने की घोषणा की गई थी। किसानो ने साफ-साफ चेतावनी देते हुए कहा था कि जब तक उनकी मांग पूरी न हो जाए, जब तक अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे रहेंगे और साथ ही रीको के द्वारा क्षेत्र में किए जा रहे औधोगिक डेवलपमेन्ट के काम को नहीं होने देंगे।
किसानो ने कई कंपनियों में जाकर निर्माण कार्य बंदकरा दिए और साथ ही कंपनी में कार्य नहीं करने की चेतावनी भी दी थी। इसके साथ ही महिला को भी धरने में शामिल होने की भी घोषणा की गई थी। बुधवार को गांव के बच्चो के स्कूलों की छुट्टी कराकर धरना स्थल पर ही बच्चो की पढ़ाई भी कराई जाएगी।
अधिकारी किसानो को झूठा आश्वासन देते रहे
सलारपुर गांव के किसान जगमोहन पुत्र रामजीवन ने 27 मार्च, 2019 को रीको अधिकारियो को 25 फीसदी जमीन देने के लिए एक पत्र रीको अधिकारियो को दिया था। इसी तरह सलारपुर के ग्रामीणों की तरफ से 30 अप्रैल 2024 को रीको अधिकारी सेकंड को 25 फीसदी विकसित भूमि में आने वाली दोनों ढाणियों को हटाने और किसानो को दी जाने वाली जमीन को समतल करने सहित ग्रीन बेल्ट में छोड़े गए रास्तो को बंद करने के लिए एक लेटर भेजा गया था।
इसी तरह 24 सितम्बर 2022 को रीको अधिकारी के लिए ब्लॉक में मिट्टी डालकर लेवल करने सहित कुछ स्थानों पर डी मार्केशन का कार्य अधूरा है। 28 सितम्बर 2022 को भी सभी गांव वासियो की तरफ से विकसित भूमि आवासीय व व्यावसायिक प्लांटों को सभी सुविधाओं जैसे रोड, शिविर लाइन, बिजली पानी से विकसित करने की मांग करते हुए एक पत्र दिया गया था। रीको अधिकारी ने इन पत्रों पर अभी तक कोई जवाब नहीं दिया, तो आखिर में किसानो ने आंदोलन का रास्ता अपना लिया।
बाबा बालकनाथ ने पहुंचकर किसानो आंदोलन रोका
पांच दिनों से धरने पर बैठे किसानो के मामले की जानकारी पता चलने के बाद तिजारा के विधायक महंत बाबा बालकनाथ शाम को 7 बजे धरना स्थल पर पहुंचे। इस दौरान रीको अधिकारी मौजूद रहे, किसानो ने रीको अधिकारी की बात मानने से इंकार कर दिया। बाबा बालक नाथ ने अपनी गारंटी देते हुए कहा, कि एक महीने के अंदर लॉटरी निकलवाने का आश्वासन दिया। जिस पर धरने पर बैठे सभी ग्रामीण सहमत हो गए और धरना समाप्त करने की घोषणा कर दी। इसके साथ 6 महीने के अंदर डी मार्केशन का कार्य करने सहि, किसानो को दिए जाने वाली सभी डेवलप्ड प्लांटों को समतल करने और उनमे सभी प्रकार की सुविधा करने की बात पर भी सहमत हो गई।